े े मैं रोज ऱड़ता हॉ अपन ख्व्बों स हर हाऱ में जीतना ह मुझे ै ॊ मुठ्ठी को भीच कर सासों को खीच कर कोमशश करता हॉ पाने को उसे दृढ ननश्चय ओर पक्का इरादा कर मज़जऱ की ओर बढ़ना ह मुझे.. ै ॊ ै तयार हॉ ..बस इन ख्ववाबों को हकीकत तो बनाना ह मुझे ै