Page 10 - my poem 2
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तुम मुस्क ु राया करो




                                                 अजी कभी तो ...मुस्क ु राया करो,


                                                            े
                                                 प्यार क गीत भी.. गुनगुनाया करो,

                                                 आॉखों मे आॉसू...न ऱाया करो,



                                                                     ें
                                                       े
                                                 मीठ सपनों म गोते... ऱगाया करो..।।
                                                 अगर गम ह तो.. हम को बताया करो,
                                                                   ै

                                                 चाॉदनी रातों  में.. छत पर जाया  करो,


                                                 दख चाॉद को.. तुम मुस्क ु राया करो..।।
                                                   े

                                                 अर ...कभी तो मुस्क ु राया करो....||
                                                      े

                                                                           ..... विजय िमाा
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