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                                                                                                                                                                                         अभिव्यक्ति




                                                                                                                                                                   ्ुम दोस् हो मेरे |






                                                                                                                                                                            हमाँ दोस् हो मेरे ्ुम .....

                                                                                                                                                            ्ुम से बमा्ें करिमा , ्ुम को हर रमाज कमा हर जुम्म कमा

                                                                                                                                                                        समाथती बिमािमा अच्मा लग्मा है |

                                                                                                                                                 समारी ्कलीफ ें , समारे रमाज़ सबसे पहले ्ुम को ही सुिमािमा अच्मा लग्मा है

                                                                                                                                            ्ुमहमारमा इं्ज़मार करिमा ्ुम को हर ख़ुशती हर ग़म में शुममार करिमा अच्मा लग्मा है

                                                                                                                                                                         क्योंकक मेरे दोस् हो ्ुम ....|

                                                                                                                                                      बेझििक समारी कमजोरर्यमां ्ुमहमारे समामिे ही ब्यमाँ कर दे्ती हँ मैं
                                                                                                                                                                                                                          ू
                                                                                                                                                        बेपरवमाह मेरी िमादमानि्यमाँ भती ्ो ्ुमसे बमाँट मल्यमा कर्ती हँ मैं
                                                                                                                                                                                                                        ू



                                                                                                                                                         मैं िहीं जमाि्ती ्ये दोस्ती ज़ज़नदगती के  ककस मोड़ ्क रहेगती

                                          “ दोस्ती में एक ही आतममा                                                                                                    शमा्यद जब ्क ज़ज़ंदगमािती रहेंगती मेरी

                                                                                                                                                      ि जमािे कक्िती बमार उलिमा समा दद्यमा है ्ुमहे अपिे बमा्ों से मैंिे
                                          निवमास एक ममत्र है। ”
                                                                                                                                                     ि जमािे कक्िमा वक़् जमा्यमा हआ ्ुमहमारमा मेरी उि ्िहमा रमा्ों में
                                                                                                                                                                                       ु
                                                                                                                                                               शमा्यद इस मलए ही ्ुमहे खो देिे से डर्ती हँ मैं
                                                                                                                                                                                                                 ू
                                                                                                                                                                      औरो की बुरी िज़रों से बच्ती हँ मैं
                                                                                                                                                                                                          ू
                                                                                                                                                                              कभती जुदमा ि हो ्ुम

                                                                                                                                                                                 ्यही दुआ है मेरी

                                                                                                                                                                क्योकक ्ुम मसफ्म  दोस् िहीं ज़ज़नदगती हो मेरी

                                                                                                                                                                      शमा्यद इस मलए इ्िे ख़मास हो ्ुम

                                                                                                                                                                   हमाँ मसफ्म  और मसफ्म  मेरे ही दोस् हो ्ुम|















                                                                                                                                                                                                                            जससती पमांडे,

                                                                                                                                                                                                                     द्व्ती्य वर्म बती. एफ. एम्
        96 | SYNERGY 17-18 |                                        GURU NANAK COLLEGE OF ARTS, SCIENCE & COMMERCE                                                GURU NANAK COLLEGE OF ARTS, SCIENCE & COMMERCE                                        | SYNERGY 17-18 | 97
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