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ूँ
मैं ज़िन्दगी ह
ूँ
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मैं खुशनुमा ह, मैं बदनुमा ह,
मैं एक चोट ह, महसूस कराता ह
ूँ
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मुझमें बहत दाग है, पर वो अच्छे हैं
ु
इन्हें छ ु पाने क े नुस्खे ना बताओ यारों..
ूँ
मैं इसे ना छ ु पाता ह, ना ज़दखाता ह ूँ
ूँ
मैं बस यही बतलाता ह..
ये ज़िन्दगी खुशनुमा भी है,
ये ज़िन्दगी बदनुमा भी है
इसे ज़मटाने की नही, ज़नभाने की िरूरत है...
ूँ
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मैं तो ज़िन्दगी ह.. मैं तुम्हारी ह..
...ज़वजय वमाा ...

