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संपादक�य...









               सृजनशीलता व  सूचना-प्रौद्यो�गक� के  म�णकांचन योग स्वरूप  क� द्र�य �वद्यालय

        आई.आई.एम.जोका क� प्रथम ई-प�त्रका का प्रकाशन करते हए हम उल्ला�सत ह�                             |यह प�त्रका
                                                                           ु

        छात्र� क� रचनात्मक संभावनाओं के  उत्सजर्न का फलक होने के  साथ ह� तकनीक� द�ता क�

        ओर बढ़ाया गया एक महत्त्वपूणर् कदम है |



               सरलता,चंचलता,कोमलता,उत्सुकता व कौतूहल से भरा बाल-मन इस समय �वल�ण ग�त

        से �वक�सत होती   सूचना-प्रौद्यो�गक� क� दुधार� तलवार पर आजमाया जा रहा है                             |समय-

        सापे� बने रहने के  �लए जहां तकनीक�- कौशल परमावश्यक है वह�ं प्राक ृ �तक जीवन-शैल�


        ,मानवीय संवाद  ,मौ�लक �चंतन व सृजन म� आ रह� कमी उसी का �दया घात है                                | ऐसे म�

        आवश्यक है �क तकनीक का प्रयोग समझदार� से �कया जाए िजससे वह मौ�लक सा�हत्य के


        सृजन क� प्रेरक एवं संवाहक क� भू�मका �नभाए                  | ई-प�त्रका इसी �दशा म� �कया गया एक

        प्रयास है |



               प�त्रका म� प्रमुखतः नवो�दत  बाल-रचनाकार� क� रचनाएँ सिम्म�लत ह� जो भ�वष्य म�

        उनक� रचनाध�मर्ता के  और अ�धक सुघड़ होने क� संभावनाओं को रेखां�कत करती ह�  | आशा है

        �क ये रचनाएँ आपको भाएंगी  |प्राचायर् महोदय क� अनुप्रेरणा एवं बाल-संपादक� क� उत्साहपूणर्


        भागीदार� से ह� प�त्रका साकार हई है | यह प�त्रका �वद्यालय क� सवर्तोमुखी उद्यमशीलता का
                                             ु
        दपर्ण है और व्यिक्तत्त्व को सँवारने का साधन भी |



        इत्यलम !






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