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फनठन कय खेरा याधा से कपय क्मों नहीॊ आए सारोंसार
छरा है तुभने याधा को
कहते तुम्हें नटखट गोऩार
कान्द्हा,चमाभ,भुयरीधय,गोविॊद,तुभ हो चभत्काय,तुभ हो कभार
जन-जन का उद्धाय ककमा है तुभने
कहते हैं तुम्हें नटखट गोऩार
ईचिय हो तुभ हभाये,तोड़ा कॊ स का हयेक जार
तुम्हाया चयण स्िगि जैसा
कहते हैं तुम्हें नटखट गोऩार
गुनगुन दास
सातिीॊ अ
ऩेड़ रगाओ !
ऩेड़ रगाओ,ऩेड़ रगाओ
हया-बया जीिन फनाओ !
छामा मे हभको देते हैं
पर मे हभको देते हैं
फाढ़ से हभको फचाते हैं
प्रदूषण दूय हटाते हैं
हभ बी ऩेड़ रगाएॊगे
सॊसाय को हया-बया फनाएॉगे !
नेहा याम
सातिीॊ अ

